पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति/सामान्य वर्ग (कक्षा 9 व 10) की छात्रवृत्ति हेतु पात्रता के लिए अभिभावक की आय-सीमा रू0 2,50,000/- (रूपये दो लाख पचास हजार) वार्षिक प्रति परिवार निर्धारित की गयी है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति हेतु अभिभावक की आय-सीमा रू0 2,50,000/- (रूपये दो लाख पचास हजार) वार्षिक प्रति परिवार तथा सामान्य वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति हेतु अभिभावक की आय-सीमा रू0 2,00,000/- (रूपये दो लाख) वार्षिक प्रति परिवार निर्धारित की गयी है।
छात्र/छात्राओं द्वारा http://scholarship.up.gov.in वेबपोर्टल में माध्यम से छात्रवृत्ति हेतु आवेदन से लेकर भुगतान की समस्त प्रक्रिया आन लाइन है। छात्रवृत्ति की धनराशि पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में अन्तरित की जाती है।
अत्याचार से उत्पीडित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 तथा पी० सी ० आर० एक्ट के अंतर्गत अत्याचार से प्रभावित अनुसूचित जाति के परिवारों को भारत सरकार की तदविषयक नियमावली के अंतर्गत न्यूनतम रु 85000 से लेकर 8,25,000 तक की सहायता घटना की प्रकृति/धारा के आधार पर उपलब्ध करायी जाती है |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के निर्धन एवं प्रतिभावान छात्रों को उत्कृष्ठ आवासीय शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाती है।
विद्लयों में शिक्षा के साथ-साथ निःशुल्क छात्रावास, पाठ्य पुस्तकें यूनीफार्म एवं खेल-कूद आदि की व्यवस्था भी राज्य सरकार करती है।
विद्यालयों में 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति 25 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग तथा 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के छात्राओ को प्रवेश की व्यवस्था।
बालक एवं बालिकाओ के लिए पृथक-पृथक विद्यालय।
94 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में से 45 सी0बी0एस0ई0 बोर्ड से सम्बद्ध है एवं अवशेष 49 माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद द्वारा सम्बद्ध।
छात्र /छात्राओं की उपयुक्त शिक्षण व्यवथा के दृष्टिगत 45 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में शैक्षिक आवासों (ट्रांजिट हॉस्टल ) का निर्माण कराया जा रहा है |
20 नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 की धरा -32 के अधीन उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 दिनांक 24-2-2014 को प्रकाशित कर दी गयी है।
अधिनियम में दी गयी व्यवस्था के अनुरूप राज्य स्तर पर की गयी कार्यवाहियों का विवरण निम्नवत् अंकित हैः-
भरण-पोषण अधिकरण का गठन- उ0प्र0 शासन समाज कल्याण अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-2595 दिनॉक 20-10-2014 द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों की समस्त तहसीलों में उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भरण-पोषण अधिकरण का गठन कर दिया गया है तथा अधिसूचना संख्या-2596/26-2-2014 दिनांक 20-10-2014 द्वारा प्रत्येक जनपद में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में अपीलीय अधिकरण का गठन कर दिया गया है।
सुलह अधिकारी की नियुक्ति हेतु पैनल का गठन- नियमावली में दी गयी व्यवस्था के अनुरूप प्रत्येक तहसील में एक सुलह अधिकारी की तैनाती का प्राविधान किया गया है। सभी जनपदों में तहसीलवार कुल 284 सुलह अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है तथा शेष तहसीलों में सुलह अधिकारियों की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
वृद्धाश्रम संचालन- प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में 150 संवासियों की क्षमता का गैर सरकारी संगठन के द्वारा पी0पी0पी0 मॉडल पर आधारित वृद्धाश्रम स्थापित कर दिया गया है।
वृद्धाश्रम में प्रवेश तथा प्रबन्धन हेतु दिशा-निर्देश- शासनादेश संख्या-32/2016/2988/26-2-2016 दिनॉक 28-12-2016 द्वारा वृद्धाश्रमों में प्रवेश तथा प्रबन्धन हेतु नीति निर्धारित की जा चुकी है एवं उक्त के अनुसार वृद्धों का संस्था में प्रवेश दिया जा रहा हैं।
वृद्धाश्रमों के प्रबन्धन हेतु जिला स्तर पर कार्यान्वयन समिति का गठन- वृद्धाश्रम का प्रबन्धन संस्थाओं द्वारा किया जायेगा। वृद्धाश्रम के संचालन हेतु जनपद स्तर पर कार्यान्वयन समिति गठित करा दी गयी है।
प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा, जे0ई0ई0, नीट, एन0डी0ए0, सी0डी0एस0 इत्यादि हेतु प्रतिभाशाली व्यक्तियों को निःशुल्क साक्षात /आनलाईन प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा नई योजना मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2020-21 में किया गया।
प्रदेश के समस्त जनपदों में अभ्युदय केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।
छात्रों को आफ लाइन एवं आन लाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा हैं।